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आश्रम के उत्सव और सेवाएँ

हमारे आश्रम में विभिन्न प्रकार की सेवाएँ उपलब्ध हैं। सभी का स्वागत है। |त्रैमासिक पत्रिका: पवन स्मरण |श्रीधाम बालीपुर आश्रम का आयुर्वेदिक औषधालय: जनसेवा का केंद्र आश्रम के |प्रमुख चार पर्व गजानन जी महाराज का जन्मोत्सव | चैत्र नवरात्रि | गुरु पूर्णिमा | शारदीय नवरात्रि

Traimasik Patrika: Pawan Smaran | Shridhām Balipur Ashram ka Ayurvedic Aushadhalay: Janseva ka Kendra Ashram ke | Pramukh chār parv Gajanan Ji Maharaj ka Janmotsav | Chaitra Navratri | Guru Purnima | Shardiy Navratri

त्रैमासिक पत्रिका: पवन स्मरण

॥ गुरु ॐ ॥

हमारे पावन आश्रम, श्रीधाम बालीपुर से, परम पूज्य गुरुदेव की प्रेरणा और आशीर्वाद से, एक अत्यंत महत्वपूर्ण त्रैमासिक पत्रिका "पवन स्मरण" का नियमित प्रकाशन किया जाता है। यह पत्रिका मात्र एक प्रकाशन नहीं, बल्कि आध्यात्मिक ज्ञान, गुरुदेव की शिक्षाओं, और आश्रम की गतिविधियों का एक जीवंत माध्यम है, जो हर तीन माह में भक्तों तक पहुँचता है।

"पवन स्मरण" में क्या है खास?

"पवन स्मरण" पत्रिका के प्रत्येक अंक में आपको निम्नलिखित अमूल्य सामग्री पढ़ने को मिलेगी:

  • पूज्य गुरुदेव श्री श्री 1008 गजानन जी महाराज के प्रवचन और शिक्षाएँ: गुरुदेव के दिव्य उपदेश, उनके जीवन के प्रेरक प्रसंग और उनके द्वारा दिखाए गए सनातन धर्म के मार्ग, जो आपके जीवन को सही दिशा देंगे।

  • परम संत श्री श्री 1008 योगेश जी महाराज के मार्गदर्शन और आश्रम का विस्तार: वर्तमान में आश्रम के मुख्य संचालक के रूप में उनके अथक प्रयासों से हो रहे विस्तार, विभिन्न आयोजनों और उनकी दूरदृष्टि का विवरण।

  • परम संत श्री श्री 1008 सुधाकर महाराज का प्रेरणादायक जीवन: उनकी अटूट गुरुभक्ति, कठोर तपस्या और निस्वार्थ सेवा से जुड़े प्रसंग, जो भक्ति मार्ग पर चलने की प्रेरणा देते हैं।

  • अन्य पूज्य संतों और विद्वानों के विचार: विभिन्न आध्यात्मिक हस्तियों के अनुभवों, ज्ञान और धर्म संबंधी लेख, जो आपकी आध्यात्मिक यात्रा को समृद्ध करेंगे।

  • आश्रम की गतिविधियाँ और कार्यक्रम: बीते तीन महीनों में आश्रम में हुए सभी महत्वपूर्ण आयोजनों, विशाल भंडारों, सत्संगों, यज्ञों, और सेवा कार्यों की विस्तृत जानकारी और चित्र। इसमें गुरु पूर्णिमा, गुरुदेव का जन्मोत्सव, और अन्य प्रमुख पर्वों के विशेष कवरेज शामिल होते हैं।

  • आध्यात्मिक लेख और प्रेरणादायक प्रसंग: ऐसे लेख जो धर्म, नैतिकता, और संस्कारों के महत्व पर प्रकाश डालते हैं, और जीवन में सकारात्मकता व शांति लाने में सहायक होते हैं।

श्रीधाम बालीपुर आश्रम का आयुर्वेदिक औषधालय: जनसेवा का केंद्र

॥ गुरु ॐ ॥

श्रीधाम बालीपुर की पावन भूमि पर, परम पूज्य सद्गुरुदेव श्री श्री 1008 गजानन जी महाराज परात्पर गुरुदेव के आशीर्वाद और उनकी दूरदृष्टि से स्थापित, एक प्राचीन और प्रभावी आयुर्वेदिक औषधालय हमारे आश्रम परिसर में संचालित होता है। यह औषधालय वर्षों से समाज की सेवा में समर्पित है, जहाँ प्राकृतिक और पारंपरिक आयुर्वेदिक उपचारों के माध्यम से लोगों को स्वास्थ्य लाभ प्रदान किया जाता है।

गुरु कृपा और अनुभवी मार्गदर्शन

यह औषधालय मूल रूप से पूज्य बाबाश्री (सद्गुरुदेव श्री श्री 1008 गजानन जी महाराज) की प्रेरणा से प्रारंभ किया गया था। उन्होंने आयुर्वेद के गहन ज्ञान और सिद्धांतों पर आधारित उपचार पद्धतियों को बढ़ावा दिया। आज भी उनकी दिव्य ऊर्जा और अनुभवों का लाभ यहाँ आने वाले प्रत्येक रोगी को मिलता है।

पत्रिका का उद्देश्य एवं पहुंच

"पवन स्मरण" का मुख्य उद्देश्य पूज्य गुरुदेव और अन्य संतों के दिव्य संदेश को जन-जन तक पहुँचाना है, ताकि अधिक से अधिक लोग सनातन धर्म के मूल्यों से जुड़ सकें और आध्यात्मिक लाभ प्राप्त कर सकें। यह पत्रिका आश्रम के उन भक्तों के लिए भी एक सेतु का काम करती है जो दूर रहते हुए भी आश्रम की गतिविधियों से जुड़े रहना चाहते हैं।

हमें यह बताते हुए गर्व है कि "पवन स्मरण" के वर्तमान में लगभग 3000 आजीवन सदस्य हैं, और यह संख्या निरंतर बढ़ती जा रही है। यह पत्रिका निस्वार्थ सेवा और गुरु कृपा का एक प्रतीक है, जो लाखों लोगों के जीवन को प्रकाशित कर रही है।

हम आपको "पवन स्मरण" का सदस्य बनने और इस आध्यात्मिक यात्रा का हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित करते हैं।

वर्तमान में, पूज्य बाबाश्री के दिखाए गए मार्ग पर चलते हुए और परम पूज्य परम संत श्री श्री 1008 योगेश जी महाराज के कुशल मार्गदर्शन में, परम पूज्य संत श्री श्री 1008 सुधाकर महाराज इस पवित्र औषधालय की जिम्मेदारी संभाले हुए हैं। आप स्वयं आयुर्वेद के गहरे ज्ञाता हैं और बाबाश्री की वृद्धावस्था में उनकी सेवा के साथ आयुर्वेद की औषधियों का निर्माण एवं वितरण भी आपके हाथों ही होता था। बाबाश्री का अनुभव आज भी आपके माध्यम से काम आ रहा है।

आप दीन-दुःखियों के सेवक और आयुर्वेद के अच्छे ज्ञाताओं में गिने जाते हैं। बाबाश्री के ब्रह्मलीन होने के बाद भी, आयुर्वेद विभाग का सारा काम बाबाजी के नक्शेकदम पर चलते हुए आप ही प्रतिपादित कर रहे हैं।

हमारी सेवाएँ और विशेषताएँ

हमारे आयुर्वेदिक औषधालय में:

  • शुद्ध आयुर्वेदिक औषधियाँ: हम पारंपरिक विधियों से तैयार की गई शुद्ध और प्रभावी आयुर्वेदिक औषधियाँ उपलब्ध कराते हैं।

  • अनुभवी मार्गदर्शन: पूज्य संत श्री श्री 1008 सुधाकर महाराज के अनुभवी मार्गदर्शन में रोगों का सटीक निदान और प्राकृतिक उपचार किया जाता है।

  • प्राकृतिक उपचार: यहाँ प्राकृतिक तत्वों और जड़ी-बूटियों पर आधारित उपचार दिए जाते हैं, जो शरीर को बिना किसी दुष्प्रभाव के स्वस्थ करते हैं।

  • निस्वार्थ सेवा भाव: इस औषधालय का संचालन पूरी तरह से सेवा भाव से किया जाता है, जिसका मुख्य उद्देश्य जन कल्याण है।

हमारा लक्ष्य है कि हर व्यक्ति तक सुलभ, सस्ती और प्रभावी आयुर्वेदिक चिकित्सा पहुँचे, ताकि वे स्वस्थ और निरोगी जीवन जी सकें। यह औषधालय गुरुदेव के मानव सेवा के संकल्प का एक अभिन्न अंग है, जो श्रीधाम बालीपुर की पावन भूमि पर स्थित है।

हम आपको हमारे औषधालय में स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करने और आयुर्वेद के चमत्कारों का अनुभव करने के लिए सादर आमंत्रित करते हैं।

॥ गुरु ॐ ॥

श्रीधाम बालीपुर आश्रम में, पूज्य गुरुदेव श्री श्री 1008 गजानन जी महाराज की पावन प्रेरणा से, वर्ष भर में चार मुख्य पर्व और अनुष्ठान बड़ी श्रद्धा और धूमधाम के साथ मनाए जाते हैं। ये पर्व भक्तों को आध्यात्मिक ऊर्जा और गुरु कृपा प्राप्त करने का विशेष अवसर प्रदान करते हैं:

  1. गुरुदेव श्री श्री 1008 गजानन जी महाराज का जन्मोत्सव (होलिका पर्व): प्रत्येक वर्ष फाल्गुन शुक्ल पूर्णिमा (होलिका पूर्णिमा) के पावन अवसर पर पूज्य गुरुदेव श्री श्री 1008 गजानन जी महाराज का जन्मोत्सव बड़े ही भव्य रूप में मनाया जाता है। उनका जन्म संवत 1976 में इसी तिथि को हुआ था। इस दिन विशेष पूजा-अर्चना, सत्संग, धार्मिक अनुष्ठान और सहस्र चण्डी यज्ञ भी आयोजित होते हैं।

  2. चैत्र नवरात्रि: नव वर्ष के आरंभ में आने वाली यह पवित्र नवरात्रि माँ शक्ति की उपासना का महापर्व है। इन नौ दिनों में विशेष रूप से माँ दुर्गा के पाठ और सहस्र चण्डी यज्ञ का आयोजन किया जाता है। यह आत्म-शुद्धि और देवी कृपा प्राप्ति का विशेष समय है।

  3. गुरु पूर्णिमा: यह पावन पर्व गुरु और शिष्य के अटूट रिश्ते को समर्पित है। इस दिन सभी भक्त गुरुदेव के प्रति अपनी श्रद्धा और कृतज्ञता व्यक्त करते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। इस अवसर पर विशेष पूजा-अर्चना, धार्मिक अनुष्ठान और सहस्र चण्डी यज्ञ भी आयोजित होते हैं।

आश्रम के प्रमुख चार पर्व

  1. शारदीय नवरात्रि: शरद ऋतु में आने वाली यह नवरात्रि भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसमें भी माँ दुर्गा की विशेष आराधना, माँ दुर्गा के पाठ और सहस्र चण्डी यज्ञ संपन्न होते हैं। यह उत्सव भी भक्तों को आध्यात्मिक उन्नति और माँ का आशीर्वाद प्राप्त करने का अवसर देता है।

        इन चारों आयोजनों में हजारों भक्तगण उत्साहपूर्वक भाग लेते हैं, जिससे आश्रम का वातावरण दिव्य और भक्तिमय बना रहता है।

मासिक अनुष्ठान

प्रति माह की शुक्लपक्ष सप्तमी, अष्टमी और नवमीं को विशेष रूप से शतचण्डी पाठ हवन का भव्य आयोजन होता है। ये मासिक अनुष्ठान आश्रम के आध्यात्मिक वातावरण को निरंतर शुद्ध और ऊर्जावान बनाए रखते हैं, जिससे भक्तगण नियमित रूप से देवी कृपा प्राप्त कर सकें।